ज़िन्होने दिल तोड़ा,
दर्द ज़िन्होने खूब दिया,
उन्हे ये समुद्र दिल माफ चाहे कर देगा,
मगर आसमान बन, दोबारा विश्वास ना कर पायेगा,
दोबारा प्यार ना दे पायेगा!
-श्रिया कात्याल
(Just Becuase the heart can be as vast as the sea but certainly not as limit less as the sky)
दर्द ज़िन्होने खूब दिया,
उन्हे ये समुद्र दिल माफ चाहे कर देगा,
मगर आसमान बन, दोबारा विश्वास ना कर पायेगा,
दोबारा प्यार ना दे पायेगा!
-श्रिया कात्याल
(Just Becuase the heart can be as vast as the sea but certainly not as limit less as the sky)
Comments
Post a Comment