लोग अक्सर पूछते हैं मुझसे की कैसे लिख पाती हो यह सब?
कहां से लाती हो यह विचार यह शब्द?
कैसे सोच पाती हो तुम यह सब?
दोस्तों यह विचार, यह शब्द, यह सोच किसी बाजार में नहीं बिकते!
यह सब तो मेरी जिंदगी की शीतल हवा के झोंके और तपती हुई धूप के कुछ क्षण हैं,
यह सब तो कुछ एहसास हैं,
कुछ अनमोल मोती और कुछ कंकड़ हैं,
यह एहसास दिल को छूते हैं,
आंखों से बहते हैं,
और कागज पर उतर जाते हैं!
कुछ इसी तरह आप दिल की आवाज सुन पाते हैं...
-Shreeya Katyal
कहां से लाती हो यह विचार यह शब्द?
कैसे सोच पाती हो तुम यह सब?
दोस्तों यह विचार, यह शब्द, यह सोच किसी बाजार में नहीं बिकते!
यह सब तो मेरी जिंदगी की शीतल हवा के झोंके और तपती हुई धूप के कुछ क्षण हैं,
यह सब तो कुछ एहसास हैं,
कुछ अनमोल मोती और कुछ कंकड़ हैं,
यह एहसास दिल को छूते हैं,
आंखों से बहते हैं,
और कागज पर उतर जाते हैं!
कुछ इसी तरह आप दिल की आवाज सुन पाते हैं...
-Shreeya Katyal
Superb thought
ReplyDeleteacha hai
ReplyDelete