कुछ हसीन पल ज़रूर बिताना!
कुछ हसीन पल हम बिताते हैं,
वो हसीन यादें बन जाते हैं,
फिर याद आ-आकर बड़ा स्ताते हैं,
खूब शिद्दत से रुलाते हैं!
क्यूँकी कुछ हसीन पल हम जी जाते हैं!
हसीन पल ज़रूर बिताओ,
दिल के करीब लोगों को ज़रूर तुम लाओ!
मगर अष्क ना बहाना ये सोच सोच के,
कि आज वो लम्हा नहीं रहा,
कल जो तुम्हारा था!
जो कल तुम्हारे था पास,
आज बनगया है महज़ एक एहसास,
ये सोच सोच कर अष्क ना बहाना,
बल्की थोड़ीसी खुशी मनाना
कि जो आज बीत गया,
कल वो तुम्हारा था!
कुछ हसीन पल ज़रूर बिताना,
कुछ हसीन यादें ज़रूर बनाना,
फिर खुशी ज़रूर मनाना कि कल वो तुम्हारी थी,
जो आज यादें बनगयी!
कुछ हसीन पल ज़रूर बिताना!
-श्रिया कत्याल
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