वो ज़्यादा लोगों से बात नहीं करती,
दिल जोड़ने से ज़रा सा है डरती!
प्यार की बातें तो सभी कर लेते हैं,
मगर निभाना सबके बस की बात नहीं,
ये वो लड़की बखूबी है समझती!
प्यार को पाने के लिए लोग
पहले तो बहुत अपनापन जतातें हैं,
मगर अपना बनाके फिर अकेला कर जातें हैं!
हाथ रह जाती हैं कुछ अच्छी-बुरी यादें,
हिस्से आती है तन्हाई,
ऐसी ही होती है ये दर्द भरी जुदायी!
बहोत कम हैं आज दुनिया में जो समझते हैं
रिश्तों की गहराई !
वो ज़्यादा लोगों से बात नहीं करती,
क्यूंकी प्यार की बातें तो सभी कर लेते हैं,
मगर निभाना सबके बस की बात नहीं,
ये वो लड़की बखूबी है समझती!
-श्रीया कत्याल
Wow shreya ji
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