जो तूफानों में से कश्ती निकाल कर लाये वोही हूए महान हैं ,
किनारों पर बेठकर धूप सेकने वालों की कहाँ कोई पेहचान है ?
-श्रीया कत्याल
किनारों पर बेठकर धूप सेकने वालों की कहाँ कोई पेहचान है ?
-श्रीया कत्याल
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