इंसान हम बड़े अजीब हैं,
देखते नही कितने खास हमारे नसीब हैं,
कदर नही होती हमे किसी की जब तक होते हैं हम उसके प्रभाव मे,
फिर ना जाने क्यूं रोते हैं हम उसके आभाव मे!
इंसान हम बड़े अजीब हैं ,
देखते नही कितने खास हमारे नसीब हैं!
-श्रीया कत्याल
देखते नही कितने खास हमारे नसीब हैं,
कदर नही होती हमे किसी की जब तक होते हैं हम उसके प्रभाव मे,
फिर ना जाने क्यूं रोते हैं हम उसके आभाव मे!
इंसान हम बड़े अजीब हैं ,
देखते नही कितने खास हमारे नसीब हैं!
-श्रीया कत्याल
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