हाथों पर मेहंदी और मांग में सिंदूर किसी अजनबी के नाम का,
मगर दिलो दिमाग में हो कोई और
प्यार और परिवार में चुनना पड़े किसी एक को
हे ईश्वर, दिखाना ना कभी किसी औरत को ऐसा दर्द भरा दौर
-श्रीया कत्याल
मगर दिलो दिमाग में हो कोई और
प्यार और परिवार में चुनना पड़े किसी एक को
हे ईश्वर, दिखाना ना कभी किसी औरत को ऐसा दर्द भरा दौर
-श्रीया कत्याल
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